लधुकथा.. उसकी पहचान!

सुरेखा के घर उसकी मम्मी की किट्टीपार्टी चल रही थी। मम्मी की सहेलियां सजी-धजी चली आ रही थी।हंसी- खुशी के बीच एक सुंदर, सजीधजी महिला का प्रवेश हुआ। वह स्मित हास्य करती हुई, सबके साथ हाय-हैलो करती हुई सोफे पर बिराजमान हुई। वह बहुत मीठे शब्दों में बात कर रही थी।सुरेखा के लिए यह नई ' आंटी' थी। उसने मम्मी को एक तरफ ले जा कर पूछा..

" मम्मी। ये आपकी नई किट्टी मेंबर है क्या? इनका नाम क्या है?"

" ये डॉ.गुप्ता अंकल की वाइफ है बेबी।इनका नाम मीना गुप्ता है।"

" क्या डॉ.गुप्ता ने फिर शादी कर ली  मम्मी? उनकी वाइफ नर्स तिलोत्तमा राव तो पिछले महीने गुजर गई थी न मम्मी? और डॉ. अंकल की पहली वाइफ पागल थी जो गांव में रहती थी.."

" अब चुप भी कर! ये डॉ. अंकल की पहली वाली वाईफ है। इसे पहले कम पढ़ीलिखी होने की वजह से पागल करार दे कर गाँव भेज दिया गया था। नर्स तिलोत्तमा उनके साथ रहती थी इसलिए लोग उसे ही उनकी वाइफ समझते थे। अब वो हार्ट अटैक से गुजर गई तो डॉ. ने पहली वाली असली वाइफ को घर वापस बुला लिया। यही है वो।"

" ओह! मम्मी, ये कितनी अच्छी है। कितनी मिठास है इसकी आवाज़ में..कितनी सलीकेदार है! क्या अच्छी,विनम्र और शांतिप्रिय औरतों के साथ पुरुष ऐसा ही व्यवहार करतें है?"

सुरेखा के इस सवाल का जवाब उसकी मम्मी के पास नहीं था। वह सुरेखा को छोड़कर किट्टी वाली सहेलियों के साथ बैठने चली गई और.. सुरेखा दूर ही से मम्मी की नई किट्टी मेंबर, मीना गुप्ता को निहारती रही।

( डॉ. गुप्ता की पत्नी मीना गुप्ता।.. वह भले ही गांव की रहनेवाली हो या ज्यादा पढ़ीलिखी न भी हो..खानदानी अवश्य है।.. और सलीके से रहना, अच्छा पहनावा पहनना, मीठी वाणी बोलना इत्यादि..सीखने के लिए ज्यादा समय की जरूरत नहीं होती।नर्स को साथ रखने के चक्कर में, अच्छी भली पत्नी को पागल करार दे कर गाँव भिजवाना.. क्या एक डॉक्टर को शोभा देता है?)

यह कहानी वास्तव में हकीकत है। पात्रों के नाम बदले हुए है।


- Aruna Kapoor

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