..और डिवोर्स हो गया। (लघुकथा) शादी हुई।गृहस्थी शुरू हुई।पति की आदतें सामने आई।डिब्बे में रखी, रोटियां गिनना।एक-आध बच जाने पर पत्नी को नसीहतें देना। दाल-सब्जी बनाने के प्रमाण पर कड़ी बहस। पत्नी के पास कितने जोड़ी जूतें-चपलें, कितनी साड़ियां, कितने सूट,कितने गाउन, कितने पर्स.. और उनमें 100, 200,500 के कितने नोट-चिल्लर.. सभी की गिनती मुंह जबानी पति के पास। पत्नी नई चीज नही खरीद सकती क्यों कि पहले से वह चीज घर में मौजूद।..पत्नी परेशान हुई। पहले का जमाना होता, तो पति की ज्यादती सहन करके गृहस्थी में बनी रहती...लेकिन वह भी नई पीढ़ी की थी। फिर क्या हुआ.. ...और डिवोर्स हो गया।😢 - Aruna Kapoor
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जंगल हमारी संपदा। हरेभरे,छायादार, पंछियों के आश्रयस्थान, विविध फलों के दाता.. दीर्घाकार पेड़ों को। हरी..दूर तक फैली, नयनरम्य,शांतिप्रदा हरयाली को। रंग- बिरंगी फूलों से लदे,सुंदरता को साकार करतें,वातावरण को सुगंधित करतें, अनगिनत, हवामें हिंचकोले लेते पौधों को। कुदरत ने हमें बक्षे हुए, ऐसे ही असंख्य अमूल्य उपहारों को। अगर हम नहीं बचाकर रखतें.. तो इन्हें सिंचने वाला जल भी, अनुपयुक्त समझकर अपनेआप को, मिटा देगा अस्तित्व अपना। ..फिर इस सीमेंट- कॉन्क्रेट के जंगल में सांस लेना जब दूभर होगा हमारा, वापस उस हरेभरे जंगल की तरफ , आश्रय लेने दौड़ कर नहीं जा सकेंगे हम। क्यों कि वह तो बंजर जमीन, रेतीले टीलों में परिवर्तित हो चुका होगा। वहां से गुजरता हुआ हवा का बवंडर, हमे हमारी अक्षम्य भूलों का इतिहास, गा कर सुना रहा होगा। साथ साथ ही धरती का वह रुक्ष छोर, मानों फीकी हंसी हंसता हुआ, हमें कभी उसके हराभरा, जंगल होने की याद दिला रहा होगा। क्या अब भी ऐसा नहीं लगता, कि हमें समय के रहते संभल जाना होगा? कुदरत के बक्षे जंगल नाम के उपहार को.. सदा-बहार बना कर रखना होगा? वंदे मातरम की ऊंची गुंज को.. सदा के लिए ग
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लधुकथा.. उसकी पहचान! सुरेखा के घर उसकी मम्मी की किट्टीपार्टी चल रही थी। मम्मी की सहेलियां सजी-धजी चली आ रही थी।हंसी- खुशी के बीच एक सुंदर, सजीधजी महिला का प्रवेश हुआ। वह स्मित हास्य करती हुई, सबके साथ हाय-हैलो करती हुई सोफे पर बिराजमान हुई। वह बहुत मीठे शब्दों में बात कर रही थी।सुरेखा के लिए यह नई ' आंटी' थी। उसने मम्मी को एक तरफ ले जा कर पूछा.. " मम्मी। ये आपकी नई किट्टी मेंबर है क्या? इनका नाम क्या है?" " ये डॉ.गुप्ता अंकल की वाइफ है बेबी।इनका नाम मीना गुप्ता है।" " क्या डॉ.गुप्ता ने फिर शादी कर ली मम्मी? उनकी वाइफ नर्स तिलोत्तमा राव तो पिछले महीने गुजर गई थी न मम्मी? और डॉ. अंकल की पहली वाइफ पागल थी जो गांव में रहती थी.." " अब चुप भी कर! ये डॉ. अंकल की पहली वाली वाईफ है। इसे पहले कम पढ़ीलिखी होने की वजह से पागल करार दे कर गाँव भेज दिया गया था। नर्स तिलोत्तमा उनके साथ रहती थी इसलिए लोग उसे ही उनकी वाइफ समझते थे। अब वो हार्ट अटैक से गुजर गई तो डॉ. ने पहली वाली असली वाइफ को घर वापस बुला लिया। यही है वो।" " ओह! मम्मी, ये कितनी अच्छी